विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय से चार सालों के स्नातक पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) को रद्द करने को कहा है. पाठ्यक्रम का विरोध करने वाले शिक्षकों का दावा है कि कुलपति अभी भी चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम का समर्थन कर रहे हैं.
शनिवार को आकादमिक परिषद की बैठक की बैठक हुई जिसमें एफवाईयूपी के कई विषयों पर चर्चा हुई. यह चर्चा हंगामे के साथ शुरू हुई. शिक्षकों के अनुसार बैठक में कुलपति ने यूजीसी पर ही आरोप लगाया है कि आयोग ने जल्दबाजी में तथ्यों को नजरअंदाज कर इस पाठ्यक्रम को खत्म करने का आदेश दिया है.
13 जून को यूजीसी ने डीयू से इस कार्यक्रम की समीक्षा करने को कहा. आयोग के अनुसार यह पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लंघन है जो 10 प्लस 2 प्लस 3 पैटर्न का पालन करती है. हालांकि डीयू इस कार्यक्रम के समर्थन में है. आयोग को दिए जवाब में विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि इसे लागू करने के संदर्भ में अध्यादेश में जरूरी संशोधन किए हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ समेत एबीवीपी, एनएसयूआई, आईसा, एआईडीएसओ, एआईएसएफ, सीवाईएसएस, डीएसयू, आईएनएसओ, केवाईएस, एसएफआई, एसवाईएस समेत कई छात्र संगठनों ने इस पाठको वापस लेने और ही कुलपति के इस्तीफे की मांग की है.